विश्व सिकल सेल दिवस: जागरूकता और उन्मूलन की दिशा में एक कदम
World Sickel Cell Day : विश्व सिकल सेल दिवस जो प्रत्येक वर्ष 19 जून को मनाया जाता है, एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य सिकल सेल रोग (Sickle Cell Disease – SCD) के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस आनुवंशिक रक्त विकार से प्रभावित लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। यह दिन न केवल इस रोग के प्रति लोगों को शिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि इसके निदान, उपचार और उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करता है। भारत जहां सिकल सेल रोग विशेष रूप से जनजातीय समुदायों में प्रचलित है, इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि सरकार और स्वास्थ्य संगठन इस बीमारी को 2047 तक उन्मूलन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सिकल सेल रोग (World Sickel Cell Day) क्या है?
Sickel Cell Disease एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो हीमोग्लोबिन में उत्परिवर्तन के कारण होता है। यह रोग लाल रक्त कोशिकाओं को असामान्य, हंसिया (sickle) के आकार का बना देता है। ये कोशिकाएँ कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं, जिसके कारण वे छोटी रक्त वाहिकाओं में फंस सकती हैं, जिससे रक्त प्रवाह अवरुद्ध होता है। इसके परिणामस्वरूप गंभीर दर्द (वासो-ऑक्लूसिव क्राइसिस), एनीमिया, अंगों को नुकसान और अन्य जटिलताएँ जैसे स्ट्रोक, फेफड़ों की समस्याएँ और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह रोग विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका, भारत, मध्य पूर्व और कैरिबियाई क्षेत्रों में अधिक प्रचलित है। भारत में यह मुख्य रूप से जनजातीय आबादी में देखा जाता है, जहाँ लगभग 8.6% आबादी (2011 की जनगणना के अनुसार) जनजातीय समुदायों से संबंधित है।
World Sickel Cell Day का महत्व
विश्व सिकल सेल दिवस 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित किया गया था, ताकि इस रोग के वैश्विक बोझ को उजागर किया जा सके और इसके प्रबंधन के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पर बल दिया जाए। भारत में जहाँ सिकल सेल रोग की उच्च प्रचलन दर है, यह दिन निम्नलिखित कारणों से विशेष महत्व रखता है:
- जागरूकता बढ़ाना: कई लोग, विशेष रूप से ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में, सिकल सेल रोग के बारे में नहीं जानते। इस दिन के आयोजन जैसे सेमिनार, शिविर और जागरूकता अभियान, लोगों को इस बीमारी के लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में शिक्षित करते हैं।
- स्क्रीनिंग और निदान को प्रोत्साहन: सिकल सेल रोग का जल्दी निदान इसके प्रबंधन में महत्वपूर्ण है। भारत में नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग और गर्भावस्था के दौरान परीक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि रोग को जल्दी पहचाना जा सके।
- उपचार और प्रबंधन: इस दिन के माध्यम से, लोगों को उपलब्ध उपचारों जैसे हाइड्रॉक्सीयूरिया, रक्त आधान और नई जीन थेरेपी के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही, रोगियों को स्व-देखभाल के उपायों, जैसे पर्याप्त पानी पीना और ट्रिगर्स से बचना, सिखाया जाता है।
- उन्मूलन की दिशा में प्रयास: भारत सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय सिकल सेल रोग उन्मूलन मिशन शुरू किया जिसका लक्ष्य 2047 तक इस रोग को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त करना है। इस मिशन के तहत 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग, परामर्श, और उपचार की योजना है, विशेष रूप से 17 उच्च प्रचलन वाले राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा में।
भारत में सिकल सेल रोग की स्थिति
भारत में सिकल सेल रोग का बोझ विशेष रूप से जनजातीय समुदायों में भारी है। यह रोग न केवल एनीमिया का कारण बनता है, बल्कि दर्द संकट, विकास में कमी और अंगों को नुकसान जैसी जटिलताएँ भी लाता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों में इसकी व्यापकता अधिक है। राष्ट्रीय सिकल सेल रोग उन्मूलन मिशन के तहत, सरकार ने बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग, परामर्श और उपचार सुविधाओं को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की है। आयुष विभाग ने भी जनजातीय क्षेत्रों में आयुर्वेदिक दवाओं के वितरण और शिविरों के आयोजन की घोषणा की है।
World Sickel Cell Day2025: मध्य प्रदेश में विशेष आयोजन
इस वर्ष, मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति होगी। इस आयोजन में सिकल सेल उन्मूलन के प्रयासों को सशक्त करने और उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को सम्मानित करने की योजना है। यह कार्यक्रम न केवल जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को इस मिशन में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा।
आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
विश्व सिकल सेल दिवस प्रत्येक व्यक्ति को इस रोग के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने का अवसर देता है। आप निम्नलिखित तरीकों से हिस्सा ले सकते हैं:
- जागरूकता फैलाएँ: अपने समुदाय में सिकल सेल रोग के बारे में जानकारी साझा करें। सोशल मीडिया, सामुदायिक आयोजन और स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
- स्क्रीनिंग में भाग लें: यदि आप उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो अपने और अपने परिवार के लिए सिकल सेल स्क्रीनिंग करवाएँ। विवाह से पहले जाँच करवाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है ताकि इस रोग को अगली पीढ़ी में जाने से रोका जा सके।
- स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएँ: सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त स्क्रीनिंग और उपचार सुविधाओं का उपयोग करें। आयुष औषधालयों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध दवाएँ और परामर्श लें।
- रोगियों का समर्थन करें: सिकल सेल रोग से प्रभावित लोगों के लिए सहानुभूति और समर्थन प्रदान करें। उनके दैनिक जीवन की चुनौतियों को समझें और उनकी मदद करें।
निष्कर्ष
विश्व सिकल सेल दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जागरूकता, समय पर निदान और उचित उपचार के माध्यम से हम इस रोग के प्रभाव को कम कर सकते हैं। भारत में राष्ट्रीय सिकल सेल रोग उन्मूलन मिशन और विभिन्न सामुदायिक पहलों के माध्यम से, हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ यह रोग अब सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या नहीं रहेगा। आइए, इस विश्व सिकल सेल दिवस पर संकल्प लें कि हम इस रोग के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे और हर उस व्यक्ति के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे जो इससे प्रभावित है। एक स्वस्थ और जागरूक भारत के निर्माण में हम सबका योगदान महत्वपूर्ण है।